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मत बर्बाद करो अमृत को




मत बर्बाद करो अमृत को

              (चौपाई)


करो सुरक्षित सत्य शुभ कृत को।

मत बर्बाद करो अमृत को।।

सावधान हो चलो निरन्तर।

आत्मिक ऊर्जा बढ़े उच्चतर।।


जो कुछ मिला उसे पहचानो।

उसकी सदा अहमियत जानो।।

कर उपयोग जगत की खातिर।

कभी न बन अपराधी शांतिर ।।


सत्य अहिंसा को अपनाओ।

सतत प्रेम की अलख जगाओ।।

जितना सको साफ कर उर को ।

चलते रहना अंतःपुर को।।


अंतर्मन का मंथन करना।

मथ मथ मथ कर रत्न पकड़ना।।

पकड़ रत्न जो परहितकारी।

करे जगत को सदा सुखारी।।


वही रत्न जो धर्म धुरंधर।

बने जगत का प्रेम समंदर।।

सुंदर कर दे जग की काया।

मिटे विश्व की लौकिक माया।।


राम राज का हो प्रिय स्थापन ।

पाप मुक्त हो भूमि सुहावन।।

अमृत कलश हृदय का ले कर।

पान कराओ सबको खुल कर।।


अमर करो इतिहास बनाओ।

धीरे-धीरे कदम बढ़ाओ।।

सतत निरन्तर  चलते रहना।

 सत्व भावना भरते दिखना।।




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1 Comments

Sachin dev

17-Dec-2022 05:14 PM

Well done

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